हिंदी शायरी लिखा हुआ shayari likhi hui Photo & Whatsapp And Facebook Images With Shayari Likhi Hui
जिस्मो के लिए तो मिल जाते है आजकल लोग हजारो,
मैँने एक शख्स को चुना था सिर्फ मोहब्बत के लिए !!
रख लो दिल में संभाल कर,
थोड़ी सी यादें मेरी…!!
रह जाओगे जब तन्हा,
बहुत काम आयेंगे हम….!!
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा;
क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता;
फनाह होना तो रिवायत है तेरी;
इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
तू ही मिल जाये मुझे ये ही काफ़ी है;
मेरी हर साँस ने बस यही दुआ माँगी है;
जाने क्यों दिल खींचा जात ह तेरी तरफ़;
क्या तुमने भी मुझे पाने की कोई दुआ माँगी है।
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जो रहते हैं दिल में वो जुदा नहीं होते;
कुछ एहसास लफ़्ज़ों से बयां नहीं होते;
एक हसरत है कि उनको मनाये कभी;
एक वो हैं कि कभी खफा नहीं होते।
Hindi Mein shayari Likhi Hui
ज़िंदगी जीने के लिए मुझे दुआ चाहिए;
उस पर किस्मत की भी वफ़ा चाहिए;
खुदा के रहम से सब कुछ है मेरे पास;
बस प्यार करने के लिए आप जैसा कोई महबूब चाहिए।
कभी मोहब्बत करो तो हमसे करना;
दिल की बात जुबाँ पर आये तो हम से कहना;
न कह सको कुछ तो आँखें झुका लेना;
हम समझ जायेंगे हमें तुम न कुछ कहना।
ये जिदंगी तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो हैं….
कुछ महकती हैं ,
कुछ मुरझाती हैं और कुछ चुभ जाती हैं…
रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए
तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे,
पर इनको ये बताना नहीं आया,
सोते हुए भीग जाती हे पलके मेरी,
पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी,
तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बैठ जाऊं,
तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी लौटा नहीं पाओगे !!
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं.
लोग पढ़ लेते है मेरी आँखो मे तेरे प्यार कि शिद्दत मुझसे
अब तेरे इश्क की और हिफाजत नही होती !!
तुझको चुन लिया है मैंने,
ज़िंदगी भर के लिये,
मैं कोई बेईमान नहीं ,
की रोज़-रोज़ ईमान बदलूँ
तमन्नाओ की महफिल तो
हर कोई सजाता है,
पूरी उसी की होती हैं जो
अपना नसीब खुद बनाता है।
शाम-ए-महेफिल !
हासिल हैं ऐ ज़िन्दगी हसरतो के सिवा कुछ भी नहीं,
यह किया नहीं, वो हुआ नहीं, यह मिला नहीं , वो रहा नहीं !
दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिये………..
जनाब…..
लोगों के पास वक़्त कहाँ एहसासों को सुनने का…….
New हिंदी शायरी लिखा हुआ 2020
मैं ये सोचकर उसके दर से उठा था ,
की वो रोक लेगी माना लेगी मुझको ,
हवाओं में लहराता आता था दामन
की दामन पकड़ कर बैठा लेगी मुझको
मगर उसने रोका ना मुझको मनाया ना
दामन ही पकड़ा ना मुझको बिठाया ना
आवाज़ ही दी ना वापिस बुलाया मैं
आहिस्ता आहिस्ता चलता ही आया यहाँ
तक के उससे जुदा हो गया मैं यह तक के
उससे जुदा हो गया मैं जुदा हो गया मैं!!!!!!!!!!!!
जब भी मिलना चाहें…
मूंद लेते हैं आँखें हर रोज़ ख्वाब में आएँ…
ये ज़रुरी तो नहीँ !!
अश्कों संग बहते हैं…
जिन्दगी के अरमां दिलों के मीत मिल जाएँ…
ये ज़रुरी तो नहीँ !!
ये मेरी जिन्दगी…
तेरी यादों की अमानत है तुझे भी याद मेरी आए…
ये ज़रुरी तो नहीँ !!
सर झुकता है मेरा…
तेरे ही सज़दे में तूँ भी मुझमें सकुन पाए…
ये ज़रुरी तो नहीँ !!
कहने को है बहुत …
पर कह न पाएँ अल्फाजों में सब अल्फाजों में
सिमट जाए…
ये ज़रुरी तो नहीँ ……..
ये हवायें कभी चुपचाप चली जायेंगी लौट के
फिर कभी गुलशन में नहीं आयेंगी अपने हाथों में
हवाओं को गिरफ्तार न कर
तेरे दिल में हैं मोहब्बत के भड़कते शोले
अपने सीने में छुपा ले ये धड़कते शोले इस
तरह प्यार को रुसवा सर-ए-बाजार ना कर / /
कभी-कभी तू मेरा साथ यूँ निभाया कर कि अपने आप को
कुछ देर भूल जाया कर न छत पे चाँद टिकेगा न रात
ठहरेगी हरेक ख़्वाब को आँखों में मत सजाया कर
मैं चाहता हूँ कि हर रूप में तुझे देखूँ कभी –
कभी मेरी बातों से तंग आया कर
तेरी पसंद की ग़ज़लें मैं लिख तो दूँ
लेकिन ये शर्त है कि उन्हें ही तू गुनगुनाया कर
मैं कश्तियों की कहानी तुझे सुनाउंगया
तू साहिलों की कहानी मुझे सुनाया कर
मेरी ही मुझसे मुलाक़ात मुश्किलों से हो
मेरे वजूद में इतना भी मत समाया कर
तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही,
सारी दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही
एक वादा करो अब हम से न बिछडोगे कभी,
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही
बेवफ़ा भी हो, सितमगर भी, जफ़ा पेशा भी,
हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही
राह तारीक़ है और दूर है मंज़िल लेकिन,
दर्द की शम्में जला लेंगे तुम आओ तो सही
कभी झगड़ा, कभी मस्ती कभी आंसू,
कभी हंसी छोटा सा पल, छोटी छोटी ख़ुशी एक
प्यार की कश्ती और ढेर सारी मस्ती,
बस इसी का नाम तो है दोस्ती.
किसी से रोज मिलकर बातें करना मोहबत नहीं,,
बल्कि किसी से बिछड़कर उसे याद रखना मोहबत है,,
जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए;
इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए;
करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें;
आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए।
अजीब पहेलियां हैं हाथो की लकीरों मे..
सफर लिखा हैं मगर हमसफर नहीं लिखा..!
वो बार बार पूछती है कि क्या है मोहब्बत अब क्या
बताऊं उसे कि उसका पूछना और
मेरा न बता पाना ही मोहब्बत है !
ग़ज़ल
छूने की चाँद को नासमझ जुस्तजू करता हैं!
पागल हैं दिल रोज़ मुझसे गुफ्तगू करता हैं!!
उसको हमदर्द कहूँ मै या दर्द देने वाला मरहम मरहम
करके जख़्मों पर जो मेरे रफू करता हैं!!
तुम हो तो मै खुश हूँ बस यही सोच कर कोई तो हैं
जो जिंदा मेरे ख्वाबों हूँ-ब-हूँ करता हैं!!
वो चाहत खो गई अपनी,
वो साथी खो गए अपने वो बचपन हो गया ओझल,
वो दिन भी खो गए अपने
न जाने क्यों यूँ खेते हम रहे,
यादों की कश्ती को मेरे सपनों में क्यों बसने लगी,
यादों की बस्ती वो वो राहत खो गई अपनी,
वो साथी खो गए अपने वो बचपन हो गया
ओझल वो दिन भी खो गए अपने
अंधेरों में सिमटते ही गए हैं,
दिन पुराने वो मेरे दिल ने बचा रक्खा है ,
खुशियों के ख़ज़ाने को वो हसरत खो गई
अपनी वो साथी खो गए अपने वो बचपन खो गया
अपना वो दिन भी खो गए अपने
कभी झूलों में झूले थे,
कभी फूलों में खेले थे
बड़ी मस्ती भरे दिन थे,
नहीं हम यूँ अकेले थे
वो रंगत खो गई अपनी
वो साथी खो गए अपने
वो बचपन खो गया अपना
वो दिन भी खो गए अपने
”कोई दोलत तो कई तख्तो-ताज के दिवाने है कोई
ताजमहल तो कोई मुमताज के दिवाने है
शरमा के मत छुपा तु अपने चेहरे को परदे मे
हम तेरे चेहरे के नहीं “तेरे आवाज के दिवाने है
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था |
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था ||
अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे.
जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते,
जो अपनो के ना हुए किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते…
ना कर तू इतनी कोशिशे,
मेरे दर्द को समझने की.!!
तू पहले इश्क़ कर,
फिर चोट खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की..!!
ना थी मेरी “तमन्ना ”
कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन…
मजबूर को, मजबूर की,
मजबूरियां, मजबूर कर देती है….!!
आपकी आँखें उची हुई तो दुआ बन गई
नीची हुई तो हया बन गई
जो झुक कर उठी तो खता बन गई
और उठ कर झुकी तो अदा बन गई…
लम्बी ज़ुबान और लम्बा धागा हमेशा उलझ ही जाते हैं……
समस्या से निपटने के लिए धागे को
लपेट कर और ज़ुबान को काबू में रखें ।
वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी;
पास होकर भी कुछ दूरी सी लगी;
होंठों पे हँसी आँखों में नमी;
पहली बार किसी की चाहत ज़रूरी सी लगी।
यही सोच कर तेरी महफ़िल में आ गया हूँ ,
साहब तेरी शोहबत में रहूँगा तो संवर जाऊँगा ……
बह जाए ना कही आसू बंद आँखो से
तेरी यादो मे खोने से डरता हू बस एक हसीन
दर्द सहता हू तुझसे जो मोहब्बत में करता हू
भर दे ज़िंदगी अपनी मिठास से,
एसी बस एक मुस्कान मिल जाए..!!
बन जाए जो यह ख्वाब हक़ीक़त,
मोहब्बत को आशियाँ मिल जाए….*
आखों में हो….
दिल में हो…
रूह में हो….
शामिल हो मेरे जर्रे जर्रे में तुम..
फिर भी तुम्हारी कमी सी लगती है…
आपके आने से जिंदगी कितनी खूबसूरत है;
दिल में बसाई है जो वो आपकी ही सूरत है;
दूर जाना नहीं कभी हमसे भूलकर भी;
हमें हर कदम पर आपकी जरुरत है।
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं …
आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं ..
जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से …
तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं …
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