प्यार का इजहार करने वाली शायरी | Pyar Ka Izhaar Karne Wali Shayari | एक पल में उनसे महोब्बत हुई इज़हार कर देना वरना, एक ख़ामोशी उम्रभर का इंतजार बन जाती है
प्यार का इजहार करने वाली शायरी
कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का;
वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का;
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि;
उन्हे अब एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
तुझे रहम नहीं आता,,
युँ मुझपे सितम कर-कर के,,,,,
तेरा ग़िला खुदा से कैसे करुँ,
तुझे उसी से तो माँगा था…!!!
“तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता,
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता,
आखिर में मेरी जान चली जायेगी,
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता’…
वो अक्सर मुझसे कहा करती थी
कि तुझे अपना बनाकर ही छोङूगीँ
उसने ऐसा ही किया…
अपना बनाकर छोङ दिया
बहुत रोयी होगी वो खाली कागज देख कर ..
खत में उसने पुछा था ..
ज़िंदगी कैसी बीत रही है ..!!!
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।
बताओ फ़िर’ उसे क्यूँ नहीँ मेहसूस होती बेचैनियां मेरी,
जो अक्सर कहती है , “बहुत अच्छे से जानती हूँ मैँ तुम्हेँ”
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