जी नहीं सकते तुम्हारे बिना शायरी
बीते पल वापस ला नहीं सकते,
सूखे फूल वापस खिला नहीं सकते,
कभी कभी लगता है आप हमें भूल गए,
पर दिल कहता है कि आप हमें भुला नही सकते.
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो,
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं!
“बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं.
एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्ती के दरबार में.”
वक़्त की छान बीन से निकले
ज़ख्म ताज़ा तरीन से निकले….
कितने चेहरे हुए हैं बे परदा
सांप जब आस्तीन से निकले…
जो कहते है इस आंधी में पर न तोला जायेगा,
जो इस बात पे खुश है हम से लब न खोला जायेगा ।
उन से कहो हम तुफानो से डरने वाले लोग नहीं,
क़ातिल को मरते दम तक क़ातिल ही बोला जायेगा ।।
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है..!
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।
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