ऐटिटूड शायरी फॉर गर्ल्स Attitude Shayari for Girls Whatsapp fb shayari 2020. Best Shayari For Hindi Collection Read And Enjoy Long Life Shayari Reading Movement Thanks attitude shayari for girls in hindi English Attitude Shayari
ऐटिटूड शायरी फॉर गर्ल्स
नजरे छुपाकर क्या मिलेगा…
नजरे मिलाओ, शायद हम मिल जाये..
अच्छा वक़्त उसी का होता हैं…
जो किसी का बुरा नहीं सोचते हैं...
“”कभी किसी को छला नहीं, इसीलिए तो मैं चला नहीं””
अकेलापन क्या होता है ये तो तब पता चला …
जब किसी से महोब्बत करके जुदा हो गये …
अज़ीब सी कश्मकश मे उलझ कर रह गयी है
आजकल ज़िन्दगी हमारी,.. ..
उन्हें याद करना नही चाहते
और भूलना तो जैसे नामुमकिन सा है।
ये क्या फ़रेब है ,,,कि ….जो फ़रमा रहे हो तुम
मैं ख़ुद को ढूंढता हूँ ,,मिले जा रहे हो तुम
ताबीर जो मिल जाएं तो एक ख्वाब बहुत था;
जो शख्स गंवा बैठी हूं नायाब बहुत था;
मैं भला कैसे बचा लेती कश्ती-ए-दिल को सागर से;
दरिया-ए- मोहब्बत में सैलाब बहुत था।
सादगी अगर हो लफ्जों में, यकीन मानो,
इज्जत ‘बेपनाह’,
और दोस्त ‘बेमिसाल मिल ही जाते हैं..!!
तुझे पाने की इसलिए जिद्द नहीं करता,
कि तुझे खोने को दिल नहीं करता,
तु मिलता है तो इसलिए नजरें नहीं उठाते,
कि फिर नजरें हटाने को दिल नहीं करता,
दिल की बात इसलिए तुझ से नहीं करता,
कि तेरा दिल दुखाने को दिल नहीं करता,
ख्वाबो में इसलिए तुझको नहीं सजाते,
कि फिर निंद से जागने को दिल नहीं करता।
*राज दिल का दिल में छुपाते है
वो सामने आते ही नजर झुकाते है
वो *बात होती नही या करते नही
ये तो वो जाने पर शुक्र है
जब भी मिलते है मुसकुराते है वो
काश फिर वो मिलने कि वजह मिल जाएँ …
साथ वो बिताया , वो पल मिल जाये
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें
क्या पता खाव्बों मैं गुजरा हुआ कल मिल जाएँ
लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी ….
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी ….
कुछ ज़रूरतें पूरी ,कुछ ख्वाहिशें अधूरी …..
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी
एक बात कहुँ,
नाराज़ तो नहीं होगे न…? °
जब तुम को लगे कि तुम मेरे हो, देर न करना आने में…
तेरे इश्क का बुखार है मुझको और हर चीज खाने की मनाई है
इश्क़ के एक हकीम ने सिर्फ तेरे दीदार की दवाई बताई है
सुना है कि, मौत से पहले एक और मौत होती है….
और उसे प्यार से लोग …. “मोहब्बत” कहते हैं.!
तेरी आँखों पर नगमें लिख तो दूँ हज़ार,
पर मेरी नज़र उनपर से हटे तो शुरू करूँ…..
एक बेहतरीन सोच हर एक की सुनो ओर हर एक से सीखो
क्योंकि हर कोई, सब कुछ नही जानता
लेकिन हर एक कुछ ना कुछ ज़रुर जानता हैं
स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरह रखिये,
जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता है,
जितनी की किसी गरीब की झोपड़ी में ।।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
और मेरे एक ख़त में लिपटी रात पड़ी है
वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
मांगी थी मौत तो जिंदगी दे दी
अंधेरों में भी रोशनी दे दी
खुदा से पूछा क्या तोहफा है मेरे लिए
तो उसने हमें आपकी दोस्ती दे दी !!
हम खुद को भूल जांए तो कोई गम नहीं
आपको अगर भूल जांए वो हम नहीं चाहते हैं
हम दोस्तों को जान से भी ज्यादा
उनके लिए अपनी जान भी चली जांए तो कोई गम नहीं !!
फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना दोस्ती का
ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना
बिछड़ जाएं कभी आपसे हम
आंखों में हमेशा हमारा इंतजार रखना !!
दिलों को खरीदने वाले हजार मिल जाएंगे
तुमको दगा देने वाले बार-बार मिल जाएंगे
मिलेगा न तुमको हम जैसा कोई
मिलने को दोस्त बेशुमार मिल जाएंगे !!
हमें आपकी जान नहीं सिर्फ साथ चाहिए
सच्ची दोस्ती का सिर्फ एहसास चाहिए
जान तो दोस्त एक पल में दी जा सकती है
पर हमें आपकी दोस्ती आखरी सांस तक चाहिए !!
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- किसी को मनाने की शायरी
- Naraz dost ko manane ki shayari
तेरे दीदार का नशा भी .. .. .. अजीब हैं ..
तु ना दिखे तो .. .. दिल तडपता हैं
.. और .. तु दिखे हैं तो .. .. ..
नशा और चढता हैं रात की सीढ़ी पर चढ़कर…
आसमां से कुछ सपने उतारने हैं…!! …..!!
मुख्तसर सी जिंदगी मेरी… तेरे बिन बहुत अधूरी है….
इक बार फिर से सोच तो सही…
कि.. क्या तेरा.. खफा रहना बहुत जरूरी है….
“समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान…
कोई हम में रह जाता है कोई अहम में रह जाता है..
बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती….
घर बड़ा हो या छोटा,
अगर मिठास ना होंतो इंसान क्या,
चींटियां भी नहीं आती”…!
कभी जो मिला हक़ मुझे अपनी तक़दीर लिखने का,
, कसम खुदा की तेरा नाम लिख दूंगा और कलम तोड़ दूंगा !!
बड़ी कश्मकश है मौला थोड़ी रहमत कर दे,
या तो ख्वाब न दिखा या उसे मुकम्मल कर दे !!
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर,
पैसौ की अमीरी तो आम बात है।
दिल की अमीरी खुदा किसी किसी को देता है।।
किसी ने क्या खूब सही कहा है
खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो चख लेना मिठाई समझ कर ….!
जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर ॥
वो पुछती है , मैं उससे इतना प्यार क्यों करता हूँ ? ?
मैंने कहा एक तमन्ना हैं तुम्हें पाने की. . . . .
वो कहती है , हर वक्त उदास क्यों रहते हो ? ?
मैनें कहा कोशिश है तुम्हें हर खुशी दिलाने की. . . . .
वो कहती है , हर वक्त सोचते क्यों रहते हो ? ?
मैनें कहा आदत हो गई है तुम्हें ख्यालों में अपना बनाने की . . . . .
वो कहती है , मैं न मिली तो ? ?
मैनें कहा तो तम्मना है ये जिन्दगी मिटाने की. . . . .
वो कहती है , तुम्हें क्या मिलेगा मर कर ? ?
मैनें कहा एक उम्मीद , अगले जन्म में तुम्हें अपना बनाने की . . . . .
दिल है उदास आज बहुत कोई पैगाम लिख दो..;
तुम अपना नाम न सही गुमनाम ही लिख दो…!!
Sad attitude shayari for girl
” कोई रिश्ता नया या पुराना नहीं होता,
जिन्दगी का हर पल सुहाना कितना होता,
जुदा होना तो किस्मत की बात है..
पर जुदाई का मतलब भूलाना नहीं होता
हमने बरसों सीने से लगाए रक्खा मगर ये दिल हमारा न हुआ
तुमने मुस्कुरा के एक बार क्या देखा कमबख्त तुम्हारा हो गया
एक रोज तुमसे जरूर मिलेंगे ! दिल के सारे अरमान कहेंगे !!
तुम हमारी साँसे बनना ! हम तुम्हारी जान बनेंगे !!
“जिन्दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम
क्या हमसे भी अच्छे हजार मिलेगें
इन अच्छों की भीड में हमे ना भूला देना
हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें ”
बात कोई और होती तो हम कह भी देते आपसे….!!!
कम्बखत मोहब्बत है….बताई भी तो नही जाती….!!!
हार ना मानना बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं
क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी
जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है|
असंभव इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं|
हम वो सब कर सकते है, जो हम सोच सकते है
और हम वो सब सोच सकते है,
जो आज तक हमने नहीं सोचा|
विश्वास विश्वास में वो शक्ति है
जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है|
विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है
और अविश्वास भगवान के बनाए
इंसान को भी पत्थर दिल बना सकता है|
जीवन जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे
जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था।
अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर
पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।
मेहनत हम चाहें तो अपने आत्मविश्वास
और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है
और अगर हमको अपना भाग्य लिखना नहीं आता
तो परिस्थितियां हमारा भाग्य लिख देंगी|
समय आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है
क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (24 घंटे) मिलता है
जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है|
सफलता दूर से हमें आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं
क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते
जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते है|
ना तंग करो इतना हम सताए हुए हैं
मोहब्बत का गम दिल पे उठाए हुए हैं
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो
हम भी उसी खुदा के बनाए हुए हैं !!
आपको बिना बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ न पाने की आदत है
आप हमेशा खुश रहो मेरा क्या है
दोस्तों मैं तो आईना हूं मुझे तो टूटने की आदत है !!
खुद को भुला दिया रिश्ते निभाते-निभाते खुद को खो दिया
अपनों को पाते पाते लोग कहते हैं कि दर्द बहुत हैं
मेरे सीने में मगर हम हैं
कि थक गए मुस्कुराते- मुस्कुराते !!
सुहाना मौसम और हवा मे नमी होगी
आंसुओ की बहती नदी होगी मिलना तो
हम तब भी चाहेंगे आपसे जब आपके पास वक्त
और हमारे पास सासों कि कमी होगी !!
बहुत चाहेंगे तुम्हें मगर भुला ना सकेंगे
ख्यालों में किसी और को ला ना सकेंगे
किसी को देखकर आसू तो पोंछ लेंगे
मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे !!
इश्क ने हमें बेनाम कर दिया
हर खुशी से हमें अंजान कर दिया
हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो
लेकिन आप की एक नजर ने हमे नीलाम कर दिया !!
रब से आपकी खुशी मांगते हैं
दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं
सोचते हैं आपसे क्या मांगें
चलो आपसे उम्र भर की मोहब्बत मांगते हैं !!
दर्द क्या होता है बताएगे किसी रोज
इस दिल की गजल सुनाएंगे किसी रोज
उड़ने दो इन परिंदों को आजाद फिजाओ में
हमारे हुए तो लौट आएंगे किसी रोज !!
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है
हकीकत जिद किये बैठी है
चकनाचूर करने को मगर हर
आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है !!
फूलों को मैं बिछाऊं…
कहां है मेरी बिसात..
कांटे उठा लिए हैं मगर …
मैने तेरी राह के…!!
हर कोई रखता हैं ख़बर, गैरों के गुनाह की …
अजब फितरत हैं कोई आइना नही रखता |
समजते थे हम उनकी हर एक बात को,
वो हर बार हमको धोका देते थे,
पर हम भी वक़्त के हातो मजबूर थे,
जो हर बार उनको मौका देते थे…
यहाँ हर किसी को, दरारों में
झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो तो
कोई पूछने भी नहीं आएगा..
तू अचानक मिल गई तो कैसे पहचानुंगा मैं,
तू अपनी एक तस्वी.र भेज दे.
यूं ही हम दिल को साफ रखा करते थे ..
पता नही था की, ‘कीमत चेहरों की होती है..
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दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका ‘अहम’ और. दूसरा उसका ‘वहम’.
महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला..
पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता,
और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता.
बडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरी.
देखकर जाने कयूँ लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थे.
तु ऐक बार मेरी निगाहो मेँ देखकर कह दे कि हम तेरे काबिल नही,
कसम तेरे चलती सांसो की हम तुजे देखना तक छोड देँगे..
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है,
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है।
तेरे लश्कर के मुकाबिल में अकेला हूं मगर,
फैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है।
मसीहा दर्द के हमदर्द हो जायें तो क्या होगा
रवादारी के ज़ज़्बे सर्द हो जायें तो क्या होगा,
ये जो लाखों करोड़ों पाँच वक़्तों के नमाज़ी है
अगर सच मुच में दहशत गर्द हो जायें तो क्या होगा..
मुहब्बत में कोई ख़त मुख़्तसर अच्छा नहीं लगता ..
लिफ़ाफ़े में फ़क़त तितली का पर अच्छा नहीं लगता
तुम अपने दिल के कमरे में मुझे क्यूँ क़ैद करते हो मुसाफिर हूँ ,
मुसाफिर को तो घर अच्छा नहीं लगता
महक जिसमें न हो बाक़ी वो गुल,
गुलदान में क्यूँ हो न उटठे टीस
तो ज़ख्मे –जिगर अच्छा नहीं लगता
मैं चढ़ कर ख़ुद दरख्तों पर फलों को तोड़ लेता हूँ
परिन्दें जो गिराए वो समर अच्छा नहीं लगता..
तुम्हारे हिज्र में मेरा अजब सा हाल होता है …
इधर अच्छा नहीं लगता ,उधर अच्छा नहीं लगता
दिवानों को दरे-मक़तल कहीं आवाज देता हैं …
मुझे अब अपने शानों पर ये सर अच्छा नहीं लगता …
न जिसके फल मयस्सर हों, न जिससे छाँव मिलती हो
मुझे ऐसा बहुत ऊँचा शजर अच्छा नहीं लगता ..
सिर्फ आँखों को देख कर कर ली मोहब्बत तुमसे,
छोड़ दिया अपना मुकद्दर तेरे नकाब के पीछे ..
उनको अपने हाल का हिसाब क्या देते
सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते
वो तीन लफ्जों की हिफाजत ना कर सके
उनके हाथ में जिंदगी की पूरी किताब क्या देते !!
तकदीर के खेल से
नाराज नहीं होते
जिंदगी में कभी
उदास नहीं होते
हाथों किं लक़ीरों
पे यक़ीन मत करना
तकदीर तो उनकी भी होती हैं ,
जिन के हाथ ही नहीं
हो”नफरत को हम प्यार देते है …..
प्यार पे खुशियाँ वार देते है …
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..””
ऐ दोस्त “” हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है
रिश्तों की यह दुनिया है निराली,सब रिश्तों से प्यारी है
दोस्ती तुम्हारी,मंज़ूर है आँसू भी आखो में हमारी,
अगर आजाये मुस्कान होंठ पे तुम्हारी।
मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो, जिस से करते है उसी से छुपानी पड़ती है
आँखों मे आ जाते है आँसू, फिर भी लबों पे हँसी रखनी पड़ती है
येइश्क़ का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करूँ,
आप भूल भी जाओ तो मैं हर पल याद करूँ,
इस इश्क़ ने बस इतना सिखाया है मुझे,
की खुद से पहले आपके लिए दुआ करूँ!!
तेरे बगैर इस ज़िन्दगी की हमें जरुरत नहीं,
तेरे सिवा हमे किसी और की चाहत नहीं,
तुम ही रहोगे हंमेशा मेरे दिल में,
किसी और को इस दिल में आने की इजाज़त नहीं !
“मछली”जंगल मे नही दौड़ सकती और”शेर”पानी मे राजा नही बन सकता…..!![/su_box]
इसलिए
“अहमियत”
सभी को देनी चाहिये….!
ये नजर चुराने की आदत आज भी नही बदली उनकी …
कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे…
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं मे..
किसी का यूँ बदल जाना बहुत याद आता है..
एक वक्त था जब बातें ही खत्म नही होती थी..
आज सब कुछ खत्म होने को है मगर बात नही होती..
कुछ उनकी मजबुरीयां, कुछ मेरी कश्मकश बस युँ ही,
एक खूबसूरत कहानी को खत्म कर दिया हमने..
मेरे नसीब की बदनसीबी देखो..
ये उसपे मरता है जो मेरे नसीब में ही नहीं
न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा…
समझता दिल भी नही,,, वो भी नही और..
,मे भी नही…!!
दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो…
इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं।
किसी ने फिर ना सुना दर्द के फसाने को
, मेरे ना होने से राहत हुई जमाने को।
मेरे अल्फाज़ो से बहुत एतराज है उनको,
जो उम्र सारी, मेरी गजलों को गुनगुनाते रहे,,,,,
जैसे बरस पड़ती है मेरी आंखे तुझे याद करके,
क्या कभी तेरी बाहे नहीं तरसती मुझे गले लगाने के लिए.
शिकायत नहीँ जिंदगी से
कि तेरा साथ नहीँ
बस तुम खुश रहना यार,
*हमारी तो कोई बात नही..
कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे;
कितना दूर है ख्वाब हकीकत के आगे;
कोई रुकी हुई सी धड़कन से पूछे;
कितना तड़पता है यह दिल मोहब्बत के आगे।
कुछ आँसू होते हैं जो बहते नहीं;
लोग अपने प्यार के बिना रहते नहीं
हम जानते हैं आपको भी आती है हमारी याद;
पर जाने क्यों आप हमसे कहते नहीं।
कभी कभी “गुस्सा”,,,,
मुस्कुराहट से भी ज्यादा
‘स्पेशल’ होता है
दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना
आँखों में समंदर हम भी रखतेहै,
,,
हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे
एक पल मे किसी को भुला ना देना
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे
टूटा हो दिल तो दुःख होता है
करके मोहह्बत ये दिल रोता है
दर्द का एहसास तो तब होता है आपको……
जब किसी से मोहह्बत हो और उसके
दिल में कोई और होता है
आपको मिस करना रोज़ की बात हो गई
आपको याद करना आदत की बात हो गई
आपसे दूर रहना किस्मत की बात हो गई
मगर इतना समझ ऐ मेरे प्यारे अजीज की
आपको भूलना अपने बस से बहार की बात हो गई
वो दिन दिन नही..
वो रात रात नही..
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही..
आपकी यादो से मौत हमे अलग कर सके
. मौत की भी इतनी भी औकात नही
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा सोचा एस
बार देखले अगली बार भूल जाएँगे…..
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम
और एक वो है जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है
कभी कभी “गुस्सा”,,
मुस्कुराहट से भी ज्यादा ‘स्पेशल’ होता है,
,, क्योंकि “स्माइल”
तो सबके लिए होती है मगरगुस्सा”
सिर्फ उसके लिए होता है,
जिसे हम कभी “खोना” नहीं चाहते.,,
खुदा पे छोड़ा दुआओं से घर नही बाँधा.
सफ़र पे निकले तो रखते सफ़र नही बाँधा.
कमाया जैसे उसी शान से उड़ाया भी.
कभी भी नोट पे हम ने रबर नही बाँधा.
जिंदगी तेरी इबादत मैं भला कैसे करूँ |
तुमसे तेरी ही शिकायत मैं भला कैसे करूँ |
दर्द को दिल में समेटा है मरने के लिए ,
अब कोई भी चाहत मैं भला कैसे करूँ |
टूट जाएगा ये आईना,
छूट जाएगा जिस्म ,
इस हकीकत से बगावत मैं भला कैसे
जो मुझे ना दिखे पर सीने पे खंजर मारे,
ऐसे दुश्मन से अदावत मैं भला कैसे करूँ ||
तेरे होंठो को छू-छू कर गुजर जाऊं मैं..
काश कही हुई तेरी, हर बात बन जाऊं मैं..…..
"
लाजवाब हैं वो इन्सान जो सदा हंसते है,
गम छुपा कर अपने , औरों के दिल मे बसते है
जितना बडा सपना होगा
उतनी बडी तकलीफें होगी
और जितनी बडी तकलीफें होगी
उतनी बडी कामयाबी होगी
दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,
मुझे उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती
चलती तो समंदर का भी सीना चीर सकती थीं,
यूँ साहिल पे ठहरी कश्तियां अच्छी नहीं लगती !
खुदा भी याद आता है ज़रूरत पे यहां सबको,
दुनिया की यही खुदगर्ज़ियां अच्छी नहीं लगती !
उन्हें कैसे मिलेगी माँ के पैरों के तले जन्नत,
जिन्हें अपने घरों में बच्चियां अच्छी नहीं लगती !
सज़ा से बचने की पहले सबील करते है.
पुराने लोग पुराना वकील करते है.
खुदा बचाए अमीरों की मेज़बानी से.
ये लोग घर पर बुला कर ज़लील करते है.
कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा हो गया था मैं.
तमाशा करते करते खुद तमाशा हो गया था मैं.
न मेरा नाम था ना दाम बाज़ार-ए-मोहब्बत में.
बस उसने भाव पूछा और महेंगा हो गया था मैं.
भूक के एहसास को शेर-ओ-सुखन तक ले चलो.
अब अदब को मुफलिसों की अंजुमन तक ले चलो.
जो ग़ज़ल माशूक के जलवों से वाकिफ़ हो चली.
उसको अब बेवा के माथे की शिकन तक ले चलो.
रोज कुरते ये कलफदार कहाँ से लाऊँ,
तेरे मतलब का मैं किरदार कहाँ से लाऊँ..!!
दिन निकलता है तो सौ काम निकल आते हैं,,
ऐ ख़ुदा इतने मददगार कहाँ से लाऊँ..!!
सर बुलंदों के लिए सर भी कटा दूँ लेकिन,
, सरफिरों के लिए दस्तार कहाँ से लाऊँ..!!
अगर ऊँचाईयो को छूना है तो कभी मोहब्बत मत करना,
क्यूंकि मोहब्बत अक्सर आपको गिरा देती है
ऐसी ही गुजार ली जिन्दगी मैं ने…
कभी खुदा की रजा समझ कर…
कभी अपने गुनाहें की सजा समझ कर..
आँसू निकल पडे ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर;
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है
ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार मौत आती हैं
एक बार दोस्ती होती हैं एक बार प्यार होता हैं
एक बार दिल टूटता हैं एक बार जब सब कुछ होता हैं
एक बार तो फिर आपकी याद क्यों आती हैं बार बार
बीते पल वापस ला नहीं सकते,
सूखे फूल वापस खिला नहीं सकते,
कभी कभी लगता है आप हमें भूल गए,
पर दिल कहता है कि आप हमें भुला नही सकते
नज़रें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक़
शराफ़त तब झलकती है जब नज़रों में पर्दा हो
फ़ैसला जो कुछ भी हो मंज़ूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए
ग़लती नीम की नहीं कि वो कड़वा है
ख़ुदगर्ज़ी जीभ की है जिसे मीठा पसंद है[/su_box]
हैं वक़्त की बड़ी ही पाबंद ये तक़लीफ़ें
एक जाती भी नहीं दूसरी आ जाती है
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है
वो शायर ही होते है जो शायरी लिखते[ है.
हम तो बदनाम आशिक है.
दर्द लिखते है……..
पत्थर का मेरी सम्त तो आना जरूर था
मैं ही गुनाहगारों में इक बेक़सूर था
सचाई आग ठहरी तो लब जल के रह गए
हक़गोई पर हमें भी कभी क्या ग़रूर था
शबनम पहन के निकले थे शोलों के क़ाफिले देखे तहे-
लिबास ये किसको शऊर था
बैठा हुआ था कोई सरे-राहे-आरज़ू इक
उम्र की थकन से बदन चूर-चूर था
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं अपने लिए रख लू ,
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन बस ख़र्च करने की तमन्ना
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया
जब चली सर्द हवा, मैंने तुझे याद किया
डूबना होगा अगर डूबना तक़दीर में है,
चाहे किश्ती पे रहो चाहे किनारे जाओ।
ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर;
तुझसे फासला भी शायद उन की बद-दुआओं का असर है!
शिकायतों की पाई-पाई जोड़कर रखी थी मैंने,
उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया…..
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करनी;
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ में क्या माँगना!
इतना शौंक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का;
क़सम से रास्ता जाने का है आने का नहीं!
उलझनें क्या बताऊँ ज़िन्दगी की तेरे ही
दर पे तेरे ही गले लगकर तेरा ही
हाथ पकड कर तेरी ही शिकायतें करनी है.
कितना और बदलू खुद को जिंदगी जीने के लिए …
ए जिंदगी , मुझको थोड़ा सा.. मुझमे बाकी रहने दे!...
कितनी मासूम होती है ये दिल की धड़कने,
कोई सुने ना सुने ये ख़ामोश नहीं रहती.…
सौ खामियाँ मुझमे सही मगर, इक खूबी भी है,
अपनों को आज तक पराया नहीं किया…!!
सेल्फ़ी नहींकिसी का दर्द खींच
पाओ तो कुछ बात बने....
मुद्दत हो गयी। कोई शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा मिले….
कुछ यूँ हो रहा है आजकल, रिश्तोंका विस्तार~
जितना जिस से मतलब उतना उस से प्यार..!!
ये जिदंगी तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो है कुछ महकती हैं,
कुछ मुरझाती हैं और कुछ चुभ जाती हैं.
कदम कदम पर तेरी इबादत तेरा फसाना तेरी कहानी…!
किताब जहाँ जहाँ से खोली मोहब्बत तेरी ही निकली…!!!
उसकी आँखों का खुमार उफ्फ…तोबा..!
यकीन करो दिल ना देते तो जान चली जाती…..!!!
किस हक़ से मांगू अपने हिस्से का वक़्त तुमसे,
क्यूंकि न ये वक़्त मेरा है और न ही तुम मेरे हो !!
तेरी तस्वीर में वो रंग भरा है मैंने,
की लोग देखेंगे तुझे और पूछेंगे मुझे….
मैं दिल से हर किसी के साथ रहता हूँ..!!
शायद इसी लिए मै उदास रहता हूँ….!!!!
तुम जब भी लिखना…लिखना पूरे होशोहवास में ,
दोस्त, शब्द धीरे-धीरे पूरे वजूद को जकड़ लेते हैं !
घूँघट गिरा है जरा घूँघट उठा दे कोई मेरे माथे की बिंदिया
सजा दे रे मैं दुल्हन सी लगती हूँ , दुल्हन बना दे रे
आँखों में रात का काजल लगा के मैं
आंगन में ठंडे सवेरे बिछा दूँ जो पैरो में
मेहँदी सी अगनी लगा दे रे जिसने तेरी आँखों की शरारत नहीं देखी,..!
वो लाख कहें पर उन्होंने…मोहब्बत नहीं देखी….!!
ठहरी ठहरी सी तबियत में रवानी
आई आज फिर याद मोहब्बत की कहानी आई
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई
मुद्दतो बाद चला उनपे हमारा जादू
मुद्दतो बाद हमें बात बनानी आई
मुद्दतो बाद पशेमा हुआ दरिया
हमसे मुद्दतो बाद हमें प्यास छुपानी आई
मुद्दतो बाद खुली वुसअत सेहरा
हम पर मुद्दतो बाद हमें ख़ाक उडानी आई
मुद्दतो बाद मय्यसर हुआ
माँ का आँचल मुद्दतो बाद हमें नींद सुहानी आई
इतनी आसानी से मिलती नहीं फन की दौलत
ढल गयी उम्र तो गजलो पे जवानी आई
नादां सही, पर इतने नादान नहीं हैं हम,
खुद हमने जान-जान कर, कितने फरेब खाएं हैं।
मुहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानीं है।
कभी कबिरा दिबाना था कभी मीरा दिवानी है।
यहां सबलोग कहते हैं मेरी आखों मे आसूं है।
जो तू समझे तो मोंती है जो ना समझे तो पानी है।
उन ज़ज़्बातों से होती है मेरी गुफ्तगू शबो-रोज़,
कुछ मसीहा किताबों में जो अल्फ़ाज़ पिरो गए।
ऐ वाइज़-ऐ-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा।
यहाँ रोज़ निगाहें मिलाती हैं, यहाँ रोज़ क़यामत होती है।
अपनी महफ़िल में मुझे तुम ग़ौर से देखा न करो,
मैं तमाशा हूँ मगर अब तुम तो तमाशा न करो…
आप ही अपनी अदाओं पे जरा गौर करें,
हम अगर अर्ज करेंगे तो शिकायत होगी..!!
इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता
कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ
ये कैसा शख्स है कितनी ही अच्छी बात
कहो कोई बुराई का पहलू निकाल लेता है
“नज़रें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक़;
शराफ़त तब झलकती है जब नीयत में पर्दा हो…..
ये कैसी ख्वाहिश है कि मिटती ही नहीं…
♥♥ जी भर के तुझे देख लिया फिर भी नजर हटती नहीं!!
घर से दूर नौकरी करने वालों को समर्पित…… घर जाता हूँ
तो मेरा ही बैग मुझे चिढ़ाता है, मेहमान हूँ अब,
ये पल पल मुझे बताता है … माँ कहती है,
सामान बैग में फ़ौरन डालो, हर बार तुम्हारा कुछ ना कुछ छूट जाता है…
घर पंहुचने से पहले ही लौटने की टिकट,
वक़्त परिंदे सा उड़ता जाता है..
उंगलियों पे लेकर जाता हूं गिनती के दिन,
फिसलते हुए जाने का दिन पास आता है….
ट्रेन में माँ के हाथों की बनी रोटियों से भरा टिफिन
डबडबाई आँखों में आकर डगमगाता है,
लौटते वक़्त वजनी हो गया बैग,
सीट के नीचे पड़ा खुद उदास हो जाता है…..
तू एक मेहमान है अब ये पल पल मुझे बताता है..
मेरा घर मुझे वाक़ई बहुत याद आता है….
मोहब्बत का ये कौनसा अंदाज है जरा हमको भी समझा दो,
लोग मरने से भी रोकते हैं और जीने भी तो नहीं देते…….
बड़ी तफ़सील से रपट लिखवाई उन्होंने,
मेरी गुमशुदगी की….
मैं कतरा-कतरा बरामद हुआ,
उनकी आँखों के कैद खाने से….!!!!
तुमने अभी तक सीर्फ मेरी मोहब्बत देखी है
दुवा करना मेरी नफरत से कभी सामना ना हो
काश कि मिल जाये मुझे मुक़द्दर की स्याही और क़लम,,
लम्हे-लम्हे की खुशी लिख दूं तुम्हारी ज़िंदगी के लिये..!!
अगर बात ख्वाब की करूँ तो बस इतना कहूँगा,
तुमसे जुड़ा हो तो हसीन और तुम्हारा हो तो बेहतरीन !!
ज्यादा फर्क नही रखा खुदा ने हम दोनों के बीच…!!
तुझे चाहने वाले बहुत है तो मुझे ठुकराने वाले बहुत…!!
तुम नाराज हो जाओ… रूठो या खफा हो जाओ…
पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की… जुदा हो जाओ..!
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता
नाराज़ होकर जिंदगी से नाता नहीं तोड़ते
मुश्किल हो राह फिर भी मंजिल नहीं छोड़ते
तनहा न समझना खुदको कभी
हम उनमे से हैं जो कभी साथ नहीं छोड़ते
बंजारे हैं रिश्तों की तिज़ारत नहीं करते
हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते मिलना है
तो आ के जीत ले मैदान में हम को
हम अपने कबीले से बगावत नहीं करते ।।
तूफान से लड़ने का सलीका है जरूरी ।
हम डूबने वालों की हिमायत नहीं करते ।।
जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे;
ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं;
चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें;
मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।
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