कुछ लोग कभी नहीं बदलते शायरी किसी के लिए कितना भी करो शायरी लोग भूल जाते है शायरी कुछ लोग कभी नहीं बदलते हिंदी शायरी
या तो वक्त बदलना सीखो
या फिर बदलों वक्त के साथ
मज़बूरियों को कोसों मत
हर हालात में जीना सीखो
कुछ सवालों के जवाब सिर्फ वक़्त ही देता है और
यकीन मानिए वक़्त के जवाब लाजवाब होते हैं ।
बदलना कौन चाहता है ज़नाब ,
लोग यहाँ मजबूर कर देते है बदलने के लिए ,
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तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू !!
कुछ लोग कभी नहीं बदलते शायरी
जिन रिश्तों को आपकी मौजूदगी से परहेज़ होने लगे तो ,
वह से मुस्करा कर चले जाना ही बेहतर होता है ,
मंजिले बहुत है, अफसाने बहुत है,
इम्तेहां ज़िन्दगी में आने बहुत है,
जो मिला नहीं उसका क्या गिला करना,
दुनिया में खुश रहने के बहाने बहुत हैं
मैं क्यों डरूं कि ज़िन्दगी में क्या होगा
मैं क्यों सोचूं कि अच्छा-बुरा क्या होगा
आगे बढ़ता रहूँगा अपनी मंज़िल की ओर
मिल गई तो ठीक हैं वरना तजुर्वा तो होगा
दिल में बसे हो जरा ख्याल रखना
अगर वक़्त मिलजाए तो याद करना
हमें तो आदत है तुम्हें याद करने की
तुम्हें बुरा लगे तो माफ़ करना
कभी तुम पूछ लेना कभी
हम भी जिक्र कर लेंगे,,,
छुपाकर दर्द दिल का
एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे,,,
मेरी धड़कनों की रवानगी तेरा ही नाम दोहराती है..!!
ये रहती है मेरे सीने में तेरी सिफारिश लगाती है..!!
देखकर एड़ियाँ उस की
दिल में सवाल ही सवाल है
रुखसार का क्या हाल होगा…
जिसकी एड़ियाँ इतनी लाल है
वो मेरी किस्मत में नहीं,
ये सुना है लोगों से,
फिर सोचता हूँ,
किस्मत खुदा लिखता है लोग नहीं
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।
कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं।
कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं।।
नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं।
मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं।।
बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी।
मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं।।
अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता।
फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं।।
हवाओं की तबाही को सभी चुपचाप सहते हैं।
च़रागों से हुई गलती तो सारे बोल जाते हैं।।